Himanshu Kumar

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लेखनी प्रतियोगिता -04-Nov-2021

सूरज की पहली किरण से पहले उठा जाता है किसान 

 चाहे धुप हो तेज या हो ठण्ड बहुत 
रोज अपने खेत को जाता है किसान 
कहने को  तो अन्नदाता  है वो 
लेकिन नही मिल पाती २ वक्त की रोटी  उसे
मौसम ने भी किया इस साल ढाया कहर कुछ ऐसा 
दिन रात बस बारिश होती रही 
सुख गये फसल टूट गयी  उनकी आशा 
कर लिया आत्महत्या उसी खेत जाके 
क्योंकि नहीं था उसके पास पैसा 
बच्चे उसके तड़प रहे है दिन और रात 
सब खुद में बिजी है कोई नहीं करता उनकी बात 

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8 Comments

बहुत खूब 👌👌

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Himanshu Kumar

06-Nov-2021 05:43 PM

aapka aabhar

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Niraj Pandey

05-Nov-2021 11:44 AM

बहुत खूब

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Himanshu Kumar

06-Nov-2021 05:43 PM

dhanyawad

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Gunjan Kamal

05-Nov-2021 09:50 AM

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 👌👌

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Himanshu Kumar

06-Nov-2021 05:42 PM

shukriya

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